दरअसल, लेखपालों की भर्ती को लेकर राजस्व परिषद और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी. विवाद था कि भर्ती करे कौन. क्योंकि सामान्य रूप से राजस्व परिषद ही लेखपालों की भर्ती करता था. लेकिन राज्य सरकार के एक फैसले ने यह अधिकार UPSSSC के पास चला गया.
राज्य सरकार ने ग्रुप ‘सी’ अथवा समूह ‘ग’ तक के पदों पर की जाने वाली भर्ती की जिम्मेदारी UPSSSC को दे दिया था और इसी के साथ लेखपालों की भर्ती का अधिकार भी UPSSSC के पास चला गया था. हालांकि, राजस्व विभाग के अधिकारी यह जिम्मेदारी किसी और विभाग को नहीं देना चाहते थे. यही कारण था कि करीब एक साल से 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है.